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सच्चाई और विश्वास का पुरस्कार

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एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में विजय नाम का एक युवक रहता था। विजय गरीब परिवार से था लेकिन उसका दिल बहुत बड़ा था। वह मेहनत करता और हमेशा सच बोलता था। गाँव के लोग उसे बहुत पसंद करते थे क्योंकि वह ईमानदार था।

एक दिन गाँव में एक अमीर व्यापारी आया। उसने घोषणा की कि उसने अपना बहुमूल्य हार खो दिया है। जिसने भी हार पाया, उसे वह बड़ा इनाम देगा। सभी लोग हार खोजने लगे, लेकिन कोई भी नहीं मिला।

विजय ने हार की खोज में गाँव के सभी कूपों, झाड़ियों और रास्तों को देखा। एक दिन, जंगल में चलते हुए विजय को एक चमकता हुआ हार मिला। वह खुश होकर सीधे व्यापारी के पास गया।

व्यापारी ने खुशी जताते हुए पूछा, “क्या तुम सचमुच मेरा हार मिला?”

विजय ने कहा, “जी हाँ, यह आपका हार है।”

व्यापारी ने विजय को बड़ा इनाम दिया, लेकिन उससे पहले कहा, “मैंने यह इनाम तुम्हें इसलिए दिया क्योंकि तुमने हार मिलने पर भी झूठ नहीं बोला और मेहनत से खोजा। यही सच्चाई और विश्वास की जीत है।”

उस दिन विजय ने सबको सिखा दिया कि सच्चाई और ईमानदारी से बड़ा कोई धन नहीं।

सीख:

  • कभी भी झूठ मत बोलो, सच हमेशा सामने आता है।
  • मेहनत और धैर्य से सच्चाई की जीत होती है।
  • विश्वास और ईमानदारी जीवन की सबसे बड़ी पूंजी है।

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