Type Here to Get Search Results !

सच्चाई और धैर्य की ताकत

0

एक समय की बात है, एक छोटे से गाँव में एक लड़का था जिसका नाम अमित था। अमित बहुत ही होशियार और मेहनती था, लेकिन वह बहुत ही जल्दबाज़ और गुस्सैल था। उसे हर बात पर जल्दी गुस्सा आ जाता था, जिससे वह अक्सर परेशानी में पड़ जाता था।

एक दिन गाँव में मेले का आयोजन हुआ। अमित भी मेले में गया और वहां उसने कुछ पैसे खो दिए। वह बहुत परेशान हो गया क्योंकि वह जानता था कि उस पैसे से उसकी किताबें और ज़रूरी सामान खरीदा जाना था।

अमित ने बहुत तलाश की लेकिन पैसे नहीं मिले। वह उदास होकर अपने घर लौटा। उसकी माँ ने उसे समझाया,
“बेटा, कभी-कभी नुकसान होता है, लेकिन गुस्सा करने से कुछ नहीं सुधरता। धैर्य रखो और सच्चाई से काम लो।”

अमित ने माँ की बात को दिल में रखा। अगले दिन वह मेले के आयोजकों के पास गया और अपनी समस्या बताई। आयोजक ने कहा,
“हम लोग हर साल खोया हुआ सामान जमा करते हैं। तुम थोड़ी देर रुको, शायद कोई तुम्हारे पैसे लेकर आया हो।”

थोड़ी देर बाद एक छोटे बच्चे ने पैसे उन आयोजकों को वापस कर दिए। अमित को देखकर बच्चे ने कहा,
“मैंने पैसे वहीं पाए थे, मैं तुम्हें वापस करना चाहता था क्योंकि ये तुम्हारे हैं।”

अमित ने बच्चे को धन्यवाद दिया और कहा,
“तुम बहुत अच्छे हो, तुम्हारा दिल बहुत बड़ा है।”

उस दिन अमित ने सीखा कि सच्चाई और धैर्य से बड़ा कोई गुण नहीं। गुस्से और जल्दबाज़ी से केवल नुकसान होता है। अगर हम धैर्य और ईमानदारी अपनाएं, तो हर मुश्किल आसान हो जाती है।


कहानी से सीख:

  • गुस्सा और जल्दबाज़ी से बचो, धैर्य रखो।
  • सच्चाई और ईमानदारी से ही जीवन में सफलता मिलती है।
  • अच्छे कर्म कभी व्यर्थ नहीं जाते।
  • दूसरों की अच्छाई को स्वीकार करना और सराहना करना चाहिए।

Post a Comment

0 Comments

Top Post Ad

Bottom Post Ad

Show ad in Posts/Pages

WhatsApp