कहानी का शीर्षक: “एक मिनट की कीमत”
एक शहर में अमित नाम का एक छात्र रहता था। वह बहुत होशियार था लेकिन एक बड़ी कमजोरी थी — उसे समय की कद्र नहीं थी। वह हमेशा कहता,
“अरे, अभी बहुत समय है, कल कर लूंगा!”
उसकी यही आदत उसे धीरे-धीरे पीछे खींचने लगी। स्कूल में उसके अंक गिरने लगे, शिक्षक डाँटने लगे, और माता-पिता चिंतित हो गए।
एक दिन उसके पिता ने कहा,
“बेटा, जो समय की कीमत नहीं समझता, वो जिंदगी में कभी आगे नहीं बढ़ पाता।”
लेकिन अमित ने बात को हल्के में ले लिया।
वो दिन जिसने सब बदल दिया
एक दिन स्कूल में वार्षिक परीक्षा थी। अमित देर से उठा और जल्दी-जल्दी स्कूल पहुँचा। रास्ते में ट्रैफिक जाम था। जब वह परीक्षा कक्ष में पहुँचा, तो दरवाज़ा बंद हो चुका था।
वह रोते हुए प्रिंसिपल के पास गया, लेकिन नियम साफ था — “एक मिनट देर से आने वाला भी परीक्षा नहीं दे सकता।”
उस एक मिनट ने उसकी पूरी साल की मेहनत पर पानी फेर दिया।
जीवन का सबक
अमित घर जाकर बहुत दुखी हुआ। उसने वही पंक्ति याद की जो उसके पिता ने कही थी —
“जो समय की कीमत नहीं समझता, वो कभी आगे नहीं बढ़ पाता।”
उस दिन से अमित ने खुद से वादा किया कि अब वह कभी देर नहीं करेगा।
वह रोज़ अपना टाइमटेबल बनाता, काम समय पर करता और हर सेकंड की कीमत समझने लगा।
अगले साल उसने पूरे स्कूल में टॉप किया। प्रिंसिपल ने उसे पुरस्कार देते हुए कहा,
“आज तुम्हारे एक मिनट ने तुम्हारा भविष्य बना दिया।”
🌸 कहानी से सीख (Moral of the Story):
“समय सबसे बड़ा गुरु है। जो इसे बर्बाद करता है, वो जीवन की दौड़ में पीछे रह जाता है।
हर पल की कीमत समझो — क्योंकि समय लौटकर नहीं आता।”
📚 लेखक की बात:
यह कहानी हमें यह सिखाती है कि समय सबसे अनमोल धन है। न पैसा, न दौलत, न ताकत — कोई भी चीज़ समय को खरीद नहीं सकती।
अगर हम हर दिन का पूरा उपयोग करें, तो सफलता खुद हमारे कदम चूमती है।
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