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मेहनत का फल

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बहुत समय पहले की बात है। एक गाँव में रामू नाम का किसान रहता था। उसके पास एक छोटा खेत था, लेकिन वह बहुत ही आलसी और भाग्यवादी स्वभाव का था।

रामू हमेशा कहता,

“जो किस्मत में लिखा है, वही होगा। मेहनत करने से कुछ नहीं बदलता।”

🍂 आलसी जीवन

रामू खेत पर ठीक से काम नहीं करता। फसलें सूखने लगीं, अनाज कम हो गया और धीरे-धीरे उसका घर चलाना मुश्किल हो गया। पड़ोसी मेहनत करते और अच्छे जीवन का आनंद लेते, लेकिन रामू केवल किस्मत को दोष देता रहता।

🌿 एक साधु से भेंट

एक दिन रामू पास के जंगल में गया, जहाँ उसे एक बूढ़े साधु मिले जो ध्यान कर रहे थे। रामू ने साधु को अपनी दुखभरी कहानी सुनाई और कहा:

“महाराज, मेरी किस्मत बहुत खराब है। कोई चमत्कारी उपाय बताइए जिससे मेरी जिंदगी बदल जाए।”

साधु मुस्कराए और बोले:

“इस जंगल में एक जादुई पत्थर है, जिसे छूते ही कोई भी चीज़ सोने में बदल जाती है। लेकिन वह देखने में बिल्कुल साधारण लगता है।
अगर तुम उसे पाना चाहते हो, तो रोज़ पत्थर उठाओ और ध्यान से देखो।”

🪨 उम्मीद की किरण

रामू के अंदर उम्मीद की नई लौ जल गई। अगले दिन से वह रोज़ जंगल में जाता, पत्थर उठाता और उन्हें ध्यान से देखता।

शुरुआत में वह थक जाता, चिड़चिड़ा हो जाता, लेकिन कुछ ही दिनों में उसकी आदत बदलने लगी।

वह हर रोज़ जल्दी उठता

मेहनत करता

पत्थरों को सावधानी से देखता

🌱 परिवर्तन

इस खोज के दौरान उसकी आलस खत्म हो गई, और मेहनत करने की आदत बन गई। धीरे-धीरे उसने अपने खेत की सफ़ाई शुरू की, फिर बीज बोए, और नियमित रूप से काम करने लगा।

कुछ ही महीनों में उसका खेत हरा-भरा हो गया और फसलें लहलहाने लगीं।

लोग उसकी मेहनत की सराहना करने लगे।

😮 सच सामने आया

कुछ महीनों बाद जब साधु दोबारा वहाँ आए, तो रामू उनके चरणों में गिर पड़ा और बोला:

“महाराज, मुझे वह जादुई पत्थर तो नहीं मिला, लेकिन आपने जो रास्ता दिखाया, उससे मेरी पूरी ज़िंदगी बदल गई।”

साधु मुस्कराए और बोले:

“बेटा, वही तो असली जादू था — मेहनत का जादू!”

🎯 नैतिक शिक्षा (Moral of the Story):

👉 मेहनत से बड़ी कोई किस्मत नहीं होती।
👉 जो इंसान खुद को बदलने के लिए तैयार होता है, उसकी दुनिया भी बदल जाती है।

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